Breaking News

6/recent/ticker-posts

शिक्षा के क्षेत्र में अनूठी मिसाल कायम की भोलाराम सैनी (नेताजी) ने Bhola Ram Saini (Netaji) set a unique example in the field of education

शेखावाटी अंचल में शिक्षा के क्षेत्र में अनूठी मिसाल कायम की भोलाराम सैनी (नेताजी) ने....
   नवलगढ़: शिक्षा के क्षेत्र में शेखावाटी अंचल में अनूठी मिसाल कायम की भोलाराम नेताजी ने। स्वयं मात्र 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने वाले नेताजी ने शेखावाटी में करीब चार दशक पूर्व छात्रावास की नींव रखी थी जो आज विशाल रूप लेकर युवाओं के लिए शिक्षा व रोजगार के लिए कारगर साबित हो रहा है। 
 पोद्दार कालेज के पीछे स्थित डेरा वाली ढाणी नवलगढ़ में 1939 को जन्मे भोलाराम सैनी ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में रोजगार की तलाश में मुंबई पहुंच गए। जहां मजदूरों की दयनीय स्थिति को देखकर स्वयं ने नौकरी करने का मोह छोड़ दिया तथा गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष करते हुए मुम्बई में गरीब व शोषितों के लिए आंदोलन करने लगे वहां से कुछ दिनों बाद पुनः नवलगढ़ आकर शेखावाटी में सामाजिक एकजुटता के लिए जूट गये तथा सामाजिक कुरीतियों को दूर करने करने लिए जनजागरण अभियान शुरू कर मृत्यु भोज,बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जिसकी पहली शुरुआत 1958 में उदयपुरवाटी से की जहां बड़ी संख्या में लोग एकजुट हुए। मुम्बई और शेखावाटी में किए गए संघर्ष के दौरान आम लोग बोलचाल की भाषा में भोलाराम सैनी को नेताजी के नाम से पुकारें जाने लगें जो जीवन पर्यन्त नेताजी के नाम से ही जानें गये। इसी दौरान भोलाराम सैनी ने 1957 में सियासी पारी खेली तथा करीब एक दशक तक भारतीय जनसंघ (भाजपा) नवलगढ़ के शहर अध्यक्ष रहे। इस दौरान पार्टी को मजबूत बनाने व अपनी सियासी पारी की धार को चमकाते हुए पार्टी बेनर तले बड़े आंदोलन करते हुए 21 दिन तक जेल की यात्रा की। इसी दौरान नवलगढ़ में 26 जनवरी 1986 को सैनी समाज के अध्यक्ष चुने गए तथा 4 जून 1986 को नवलगढ़ में छात्रावास की नींव रख दी जो आज विशाल छात्रावास का रुप लेकर युवाओं को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र उपयोगी साबित हो रहा है। यह छात्रावास सैनी समाज में शेखावाटी के लिए प्रेरणा स्रोत भी बना जो आज उसी के अनुरूप अनेक क्षेत्रों में छात्रावास निर्माण के कार्य होने लगें हैं,जो  नेताजी की 4 दशक पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में दुरगामी सोच का ही परिणाम माना जा रहा है। इस दौरान 1990 व 1993 में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन भाग्य ने दोनों ही बार साथ नहीं दिया। 29 जून 2015 को 76 वर्ष की उम्र में नेताजी का निधन हो गया। लेकिन आज भी उनके द्वारा शिक्षा व समाज सुधार के क्षेत्र में किए कार्यों को उनके समर्थक याद करते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ