11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर नवलगढ़ में भव्य आयोजन: सूर्यमण्डल मैदान पर उमड़ा जनसैलाब
नवलगढ़, 21 जून — नवलगढ़ के सूर्यमण्डल मैदान में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक दिव्य और भव्य समारोह के रूप में मनाया गया। इस उपखंड स्तरीय आयोजन में 1400 से अधिक लोगों ने भाग लिया और योगाभ्यास के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, ऋषि पतंजलि और आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि की प्रतिमाओं के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। दीप प्रज्वलन समारोह में मुख्य अतिथि विधायक विक्रम सिंह जाखल, योगी मोहननाथ महाराज, तहसीलदार नवलगढ़, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी उम्मेद सिंह महला, योगाचार्य डॉ. प्रमोद बलौदा, डॉ. श्रवण गोदारा और कैलाश चोटिया उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बड़ी स्क्रीन के माध्यम से देशभर के योग साधकों को संबोधित किया। उन्होंने योग को भारत की "स्वास्थ्य और शांति की सौगात" बताया और कहा कि योग आज मानवता को एक नई दिशा देने वाला विज्ञान बन चुका है। उन्होंने कहा, "भारत की यह गौरवशाली परंपरा आज पूरे विश्व को निरोगी जीवन और आत्मिक संतुलन की प्रेरणा दे रही है।"
योग अभ्यास सत्र में योगाचार्य डॉ. प्रमोद बलौदा ने उपस्थित जनसमूह को विभिन्न योगासन, प्राणायाम और यौगिक क्रियाओं का अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि नियमित योगाभ्यास न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी शांत और स्थिर करता है।
योगी मोहननाथ महाराज ने कहा कि यदि मनुष्य योग को जीवन में आत्मसात कर ले, तो उसका जीवन बुराइयों से मुक्त हो सकता है। योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी मार्ग है।
कार्यक्रम में योग शिक्षिका डॉ. सोनू मुहाल, महिला पतंजलि तहसील प्रभारी संतोष चौधरी, योग शिक्षक नरेश, डॉ. सुमीत कुल्हरी, मोनिका, और सोनी देवी ने कठिन योगासनों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ दीं।
मुख्य अतिथि विधायक विक्रम सिंह जाखल ने लोगों को प्रतिदिन योग करने का संकल्प दिलाया और योग को जीवनशैली में शामिल करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मुरली मनोहर चोपदार, योगेंद्र मिश्रा, जगदीश कड़वासरा, ललित, अशोक चावला समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. श्रवण गोदारा ने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। संचालन की जिम्मेदारी उम्मेद सिंह महला ने निभाई।
यह योग दिवस आयोजन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बना। नवलगढ़ की धरती पर हुए इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि योग, भारत की महान देन है, जिसे अपनाकर विश्व नई दिशा की ओर अग्रसर हो रहा है।
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