महराज श्री जैन साध्वी गुणरंजना श्री का महर्षि भवन नवलगढ़ में प्रवचन।
नवलगढ़ महर्षि भवन नवलगढ़ में महराज श्री जैन साध्वी गुणरंजना श्री का परिचय प्रोफेसर मोतीचंद मालू ने दिया। नवलगढ प्रवास के अवसर पर श्रीमती गुणरंजना श्री ने अपने उदबोधन मे कहा कि मनुष्य को गुलाब के फूल की भांति जीवन जीना चाहिये। जैसे गुलाब कांटो से घिरकर भी खिलता है व खूशबु देता है उसी प्रकार मनुष्य को कष्ट व पीड़ा सहकर अपने कर्तव्य को करना चाहिये। उन्होने जैन धर्म की व्याख्या करते हुये कहा कि मनुष्य को भगवान राम कृष्ण व महावीर के चरित्र को अंगीकार कर उनके आदर्शो पर चलकर बहुत संयम व धैर्य से अपना जीवन का निर्वाहन करना चाहिये। मनुष्य को क्रोध व लोभ से दूर रहना चाहिये। कार्यक्रम मे वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ दयाशंकर जांगिड वरिष्ठ एडवोकेट अश्विनी कुमार महर्षि सीए जीतेन्द्र कुमार मोहनलाल चूड़ीवाल संजय कुमार सहायक उपाध्यक्ष एचसी गुप्ता यूनिट हैड श्रीसीमेंट गोठड़ा डाॅ अनिल कुमार शर्मा फूलचंद सैनी सीएल सैनी मुरली मनोहर चोबदार पंकज शाह लक्ष्मण स्वामी सीताराम घोडेला आसुतोष सुरोलिया इंजीनियर उमेश एचरा महेन्द्र जैन तथा जैन मंदिर के पुजारी शशि मालू व श्रीमती जैन आदि ने प्रवचन का लाभ उठाया।
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