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अत्रिक्रमण के नाम पर 'सीकर होटल' पर चला बुलडोजर Bulldozer ran on 'Sikar Hotel' in the name of encroachment

अतिक्रमण के नाम पर 64 साल बाद 'सीकर होटल' पर चला बुलडोजर:
मालिकों के दावा- 1680 रुपए में राव राजा माधो
सिंह ने दिया था पट्टा, अतिक्रमण हटाने की
कार्रवाई 

सीकर में कल्याण सर्किल स्थित सीकर होटल और दुकानों के अवैध अतिक्रमण पर आज सुबह 6:30 बजे बुलडोजर चला। होटल तोड़ने की कार्रवाई अभी भी जारी है। कल्याण सर्किल पर अधिक ट्रैफिक दबाव से रोजाना लगने वाले जाम से अब
लोगों को निजात मिलेगी। बता दे कि अतिक्रमण हटाने के मामले में पीडब्ल्यूडी ने गुरुवार को नोटिस जारी किया था। सीकर होटल के संचालकों
को आम रास्ते में आ रहे अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे।
तीन दिन का अल्टीमेटम रविवार शाम को खत्म हो गयाथा लेकिन होटल संचालकों ने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद आज सोमवार सुबह भारी पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। 3 महीने पहले स्टे खारिज किया था सीकर होटल के अवैध अतिक्रमण के मामले में हाईकोर्ट ने इसी साल 11 सितंबर को स्टे खारिज करते हुए विभाग को राहत दी थी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कल्याण सर्किल से डाक बंगले तक जाम बड़ी समस्या बना हुआ है।
अतिक्रमण वाली सड़क की चौड़ाई कम होने से यहां रोज जाम लगा रहता हैं।
यहां 6 महीने पहले होटल नटराज के अतिक्रमण वाले हिस्से को भी पीडब्ल्यूडी ने तोड़ा था। इससे शहर के लोगों को कुछ राहत मिली थी। विभाग ने अभी भी कई जगह अवैध अतिक्रमण चिन्हित कर रखा है जिन्हें जल्द हटाया जाएगा।
मालिकों का दावा- 1973 को पट्टा जारी हुआ सीकर होटल के मालिकों का दावा है कि होटल का निर्माण
नगर परिषद की स्वीकृति के बाद ही कराया गया था। होटल मालिकों ने 2016 में कोरट में वाद प्रस्तुत किया था। इसमें बताया गया था कि कल्याण सर्किल पर उनकी पैतृक संपत्ति सीकर होटल है।
इसका पट्टा राव राजा माधो सिंह ने आसोज बरदी 12 संवत 1973 को 1680 रुपए कलदार के एवज में हमारे पूर्वज गंगाबख्श, बेगूलाल व पप्पूलाल के हक में जारी किया गया था। पट्टादारी बेगूलाल उनके दादा थे। दावा है कि उन्होंने 1960 में नगर परिषद से स्वीकृति लेकर होटल का निर्माण कराया था।
2016 में पीडब्ल्यूडी ने सड़क चौड़ी करने के लिए जगह चिह्नित की और अतिक्रमण को लेकर नोटिस जारी किया। इस बीच होटल मालिक ने कोर्ट से स्टे ले लिया। जानकारी मुताबिक होटल का कुछ हिस्सा और दुकान अतिक्रमण के दायरे में आ रही है। होटल मालिक का दावा है कि उनके पास पट्टा है। उन्हें अतिक्रमी कहना गलत है।

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