पूर्व मुख्यमंत्री पहाड़िया जी की जयन्ती आज हर्ष उल्लास से मनाई गई।
अनुसूचित जाति जन जाति अधिकार मंच झुंझुनूं ने मांग रखी, कि किसी भी विश्व विद्यालय का नाम स्व. पहाड़िया जी के नाम से हो।
15 जनवरी 2022 नवलगढ मोहल्ला खटिकान स्थित गायत्री विद्यापीठ उच्च माध्यमिक विद्यालय नवलगढ़ में आज अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चैरिटेबल ट्रस्ट नवलगढ़ के तत्वावधान में राजस्थान के एकमात्र दलित मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का 90 वां जन्मदिवस उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय खटीक समाज के प्रदेश सचिव पीरामल दायमा ,विशिष्ट अतिथि मनोनित पार्षद कन्हैया लाल चावला ,गायत्री विद्यापीठ की निदेशक संतोष दायमा थे।
तथा अध्यक्षता एससी एसटी अधिकार मंच के जिला महामंत्री, गायत्री विद्यापीठ के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार दायमा ने की।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. पहाड़िया जी के जन्मदिवस पर उनके चित्र पर अतिथियों और समाज के लोगों द्वारा पुष्पमाला और पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर मुख्य वक्ता प्रधानाचार्य शिक्षाविद् कृष्ण कुमार दायमा ने स्व. पहाड़ियां जी का जीवन परिचय देते हुवे कहा कि 15 जनवरी संपूर्ण दलित समाज के लिए बहुत ही खास दिन है। आज ही के दिन 1932 ईस्वी में राजस्थान के भरतपुर जिले भुसावर कस्बे में पूज्य श्री जगन्नाथ जी पहाड़िया का जन्म हुआ।
बचपन से शिक्षा प्रेमी ,उच्च शिक्षित , हाजिर जवाबी और कुशाग्र बुद्धि के श्री पहाड़िया जी ने तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात के दौरान देश में दलितों की दशा पर पूछे जाने पर बेबाक जवाब दिया कि देश में दलितों की दशा और उनका जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व अच्छा नहीं है। उनकी वाकपटुता से प्रभावित होकर नेहरू जी ने 25 साल की अल्पायु में 1957 में सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से काँग्रेस प्रत्याशी बनाया और वहां से वे भारी मतों से जीते। तब से पहाड़िया जी राजनीति की सीढ़ी पर चढ़ते चले गए। केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद में उप मंत्री और राज्य मंत्री भी रहे। स्व. पहाड़िया जी चार बार सांसद ,चार बार विधायक रहे। इनके अलावा पहाड़िया जी बिहार और हरियाणा के राज्यपाल के पद पर भी रहे। 06 जून 1980 को पहाड़िया जी राजस्थान के मुख्य मंत्री बने।
आज की सरकारें शराब और अन्य मादक पदार्थों से मिलने वाले राजस्व पर जिंदा हैं, किन्तु पहाड़िया जी जानते थे कि नशा समाज के लिए घातक है, विशेषकर दलित वर्ग की बर्बादी का बड़ा कारण अशिक्षा और नशाखोरी ही है, इसलिए पहाड़िया जी ने पूरे राजस्थान में पहली बार शराबबंदी लागू की।
समारोह के मुख्य अतिथि पीरामल दायमा ने कहा कि राजस्थान सरकार को उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने के लिए राजस्थान के किसी भी विश्वविद्यालय का नाम स्व. पहाड़ियां जी के नाम से करना चाहिए। वे समाज के महान सपूत और गौरव है ,सरकार को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि मनोनित पार्षद कन्हैया लाल चावला ने कहा कि स्वर्गीय पहाड़ियां जी दलित, पिछड़े ,वंचित शोषित समाज को ऊपर उठाने का काम किया । उन्होंने एक गरीब परिवार में जन्म लेकर अपनी कर्म पुरुषार्थ मेहनत और जज्बे से सता के कई बड़े मुकाम हासिल किए युवाओं को उनके पदचिन्ह पर चलना चाहिए।
कार्यक्रम का सफल संचालन व्याख्याता विजय कुमार दायमा ने किया। इस अवसर पर गायत्री विद्यापीठ की वाइस प्रिंसिपल ज्योति दायमा, विजय कुमार दायमा, पंकज कुमार सैनी, रणवीर सिंह , कैलाश सैनी, संगीता पायल ,सपना सैनी, रतनलाल सैनी ,ज्योति दायमा ,आलोक दायमा ,सुमित कुमार दायमा ,नवदीप दायमा,लक्की दायमा ,आर्यन दायमा,ओम प्रकाश सैनी सहित कई दर्जन कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।
निदेशक संतोष दायमा ने आभार प्रकट किया।
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