शब्दाक्षर राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था द्वारा तीन दिवसीय साहित्योत्सव हर्षोल्लास से संपन्न
शब्दाक्षर राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था द्वारा राजस्थान ईकाई नवलगढ के सौजन्य से झुंझुनू के बंधे के बालाजी परिसर में कवियों का महाकुंभ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ जिसमें पूरे देश के 95 कवियों ने भाग लेकर अपनी काव्य विधाओं से सबका मन जीत लिया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति प्रसिद्ध वयोवृद्ध कवि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के मित्र बुद्धिनाथ मिश्र तथा अध्यक्षता शब्दाक्षर राष्ट्रीय अघ्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने की साथ में राजस्थान के अध्यक्ष वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ दयाशंकर जांगिड मंचासीन रहे। विश्व प्रसिद्ध कवि हरीश हिंदुस्तानी व शिक्षक कवि पवन पारस अति विशिष्ट अतिथि थे।
विशिष्ट अतिथि अतिथियों में गीतांजलि के निदेशक प्रसिद्ध समाजसेवी शिवकरण जानूं गोठड़ा श्री सीमेंट फैक्ट्री नवलगढ के प्रतिनिधि शैलेन्द्र शर्मा प्रसिद्ध समाजसेवी सुरेन्द्र सैनी कलवाणिया की ढाणी अनिल कुमार अग्रवाल बंबई के प्रतिनिधि वरिष्ठ एडवोकेट अश्विनी कुमार महर्षि नवलगढ के समाजसेवी कैलाश चोटिया थे।
अतिथियों द्वारा सरस्वती की फोटो पर दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया गया। सरस्वती वंदना गीतऋषि बुद्धिनाथ मिश्र ने की। अतिथियों का सम्मान तिलक माला शाॅल दुपटटा साफा व आकर्षक प्रतीक चिन्ह देकर किया गया। डाॅ दयाशंकर जांगिड ने सभी का स्वागत करते हुये शेखावाटी की धरा को वीरो भामाशाहों उधोपतियों साहित्यकारों रचनाकारों कलाकारों सैनिकों की धरती बताया।
शब्दाक्षर राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने संस्था की परिचय दिया। आपने कहा कि शब्दाक्षर संस्था देश के 25 राज्यों में संचालित है। भारत के 163 जिलों में जिला अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष, वाटसएप के 108 ग्रुप, फेसबुक पर 46 ग्रुप व 17 फेसबुक पेज के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से संपूर्ण विश्व तक साहित्य प्रसारित होता है। संस्था का पहला साहित्योत्सव चेन्नई, दूसरा हरिद्वार, तीसरा अयोध्या तथा चैथा राजस्थान झुंझुनू मे आयोजित हुआ है।
संरक्षक बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि हर कवि को हिंदी भाषा व व्याकरण का ज्ञान होना चाहिये। वह कवि ही प्रसिद्धि पा सकता है। ज्ञात रहे श्री मिश्रा जी वरिष्ठ कवियों रामधारी सिंह दिनकर नीरज महादेवी वर्मा पाण्डे जी तथा हरिवंश राय बच्चन व पूर्व प्रधानमंत्री कवि हदय अटल बिहारी वाजपेयी के अभिन्न साथी रहे है। आजकल तुकबंदी का दौर चल रहा है जो हिंदी कविता को कमजोर कर रहा है। इस अवसर पर शब्दाक्षर की वेबसाइट का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।
कवियों का सम्मान तिलक माला शाॅल दुपटटा साफा व आकर्षक प्रतीक चिन्ह देकर किया गया।
कवि हरीश हिंदुस्तानी व पवन पारस ने अपने कवित्व का संुदर प्रस्तुतिकरण किया। देश भर के करीब 95 कवियांें द्वारा दो दिन तक अपनी अपनी रचनाओं का सुंदर पाठ किया।
कार्यक्रम में शब्दाक्षर के मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार जांगिड जिला उपाध्यक्ष डाॅ एल के शर्मा जिला अध्यक्ष रमाकांत सोनी जिला संगठन मंत्री मुरली मनोहर चोबदार जिला मीडिया प्रभारी पंकज शाह प्रदेश सलाहकार डाॅ अनिल कुमार शर्मा जिला अर्थ मंत्री अनिल कुमार बिरोलिया प्रदेश सचिव मुकेश मारवाड़ी जिला उपाध्यक्ष तेजसिंह राठौड महेन्द्र कुमावत रमेश राही नीलम वर्मा वृक्ष मित्र श्रवण कुमार जाखड सांखू शिक्षाविद मनोज कुमार रूनला व महेन्द्र कुमार सैनी सुहित पाडिया ने भाग लिया।
कार्यक्रम की झलकियां - बन्धे का बालाजी की पावन धरा को अतिथियों साहित्यकारों ने पसंद किया। डाॅ दयाशंकर के समय व कार्यक्रम प्रबन्धन की सबने भूरि भूरि प्रशंसा की। सभी कवियों ने शेखावाटी राजस्थान वीर धरा को शब्दों में पिरोया।
कवियों की श्रंखला में डाॅ लक्ष्मीकांत शर्मा व दिल्ली की डाॅ अंबिका मोदी भी थे। अतिथियों ने नवलगढ झुंझुनू राजस्थान के कार्यकर्ताओं की आवभगत को सराहा। कार्यक्रम में डाॅ दयाशंकर को शब्दाक्षर राष्ट्रीय स्तर के तीन हस्तियों में शामिल कर संस्था संरक्षक बनाया गया। सुरेश कुमार जांगिड को शब्दाक्षर राजस्थान ईकाई का विधिवत अध्यक्ष बनाया गया। सभी लोगो को धन्यवाद विदाई करते हुये शब्दाक्षर काव्य महाकुंभ का समापन किया गया।
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