सनातन धर्म दया ,क्षमा और समर्पण की भावना जागृत करता है - बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ।
भागवत कथा में गूंजे सनातन धर्म के महात्म्य के स्वर
झुंझुनू। हमिरी रोड स्थित पुजारी फार्म हाउस में भारत के प्रसिद्ध भागवत कथावाचक बाल व्यास श्रीकांत शर्मा के सत्संग प्रवचन का आयोजन हुआ। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि भगवान के भजन और साधना से बार-बार जन्म लेने से मुक्ति मिलती है। उन्होंने सनातन धर्म की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि सनातन धर्म का अर्थ शाश्वत और सदा रहने वाला धर्म है।
सनातन धर्म के मूल तत्व
बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने प्रवचन में बताया कि सनातन धर्म के मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जप, तप व यम आदि हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है और इस सत्य मार्ग से परिचित करवाने वाला ही सनातन धर्म है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्य अनादि काल से चला आ रहा है और जिसका कभी अंत नहीं होगा, वही सनातन है।
संगीतमय सुंदरकांड पाठ एवं भव्य स्वागत
आयोजन के संयोजक पवन पुजारी ने बताया कि प्रवचन से पूर्व सुंदरकांड का संगीतमय पाठ किया गया। इसके पश्चात बाल व्यास श्रीकांत शर्मा का साफा, माला, अंगवस्त्र पहनाकर एवं भगवान श्रीराम का प्रतीक चिन्ह भेंटकर भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर जेपी शर्मा, आनंद पुजारी, उमाशंकर महमिया, भाजपा नेता कमलकांत शर्मा, पवन देरवाला, महेश बसावतिया, रामनारायण कुमावत, सुरेंद्र शर्मा, विनोद पुरोहित, वशिष्ठ शर्मा, गणेश तिवारी, पवन पांडे, राकेश सहल, अनिल जोशी, एडवोकेट नीरज शर्मा, डॉ. देवकीनंदन तुलसियान, प्रमोद खंडेलिया, पंडित हरिकिशन शुक्ला, नवीन पुजारी आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे।
आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुआ माहौल
बाल व्यास श्रीकांत शर्मा के प्रवचनों से श्रोता भाव-विभोर हो गए। भजन और सत्संग से वातावरण भक्तिमय हो गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने धर्म, भक्ति और आत्मिक शांति का अनुभव किया। आयोजन के सफल समापन पर सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
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