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गायत्री विद्यापीठ नवलगढ़ ने गरीब व पिछड़े क्षेत्र में फैलाया शिक्षा का उजयारा gayatri vidhapith

एक बार फिर हमारे क्षेत्र का बेटा गायत्री विद्यापीठ का  पूर्व विद्यार्थी हिमांशु कैलाश पंवार का IIT रुड़की में हुआ सलेक्शन में। 
अतिथियों ने कहा कि गायत्री विद्यापीठ नवलगढ़ ने गरीब व पिछड़े क्षेत्र में फैलाया शिक्षा का उजयारा
  अपने वर्ग में आल इंडिया मेरिट में 854 वी रैंक पर IIT में हुआ चयन  ।
गायत्री के पूर्व छात्र हिमांशु पंवार के  पिता कैलाश पंवार तथा दादा श्री बनवारी लाल तोसावड़ा , दादी तथा समस्त परिवार का गायत्री विद्यापीठ के द्वारा  भव्य सम्मान और अभिनंदन किया गया 
 दादा बनवारी लाल तोसावड़ा ने सम्मान समारोह में भावुक होते हुए कहा कि यह सफलता गायत्री विद्यापीठ और उनके प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार दायमा के प्रयासों से हुआ है, हम गायत्री विद्यापीठ के प्रयासों को जिंदगी भर नहीं भूलेंगे आपने मेरे बच्चे के संस्कार और नीव मजबूत की।
गायत्री विद्यापीठ के छात्रों को मिल रही लगातार सफलताओं से क्षेत्र में है खुशी की लहर
30 सितंबर नवलगढ़ स्थानीय मौहल्ला खटीकान स्थित शिक्षा एवं सेवा को समर्पित, संस्कारों की जन्मभूमि गायत्री विद्यापीठ उच्च माध्यमिक विद्यालय नवलगढ़ में आज शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गायत्री विद्यापीठ के पूर्व छात्र हिमांशु पंवार पुत्र श्री कैलाश बनवारी जी पंवार का अपने वर्ग में आल इंडिया मेरिट में 854 वी रैंक पर आईआईटी रुड़की में  चयन होने पर हिमांशु  और उनके पिता कैलाश बनवारी पंवार ,दादा श्री बनवारी लाल तोसावड़ा ,दादी रामेश्वरी देवी,चाचा सत्यनारायण पंवार  का विद्यालय परिवार की ओर से साफा, गजरा ,माला शॉल पहनाकर  उनका सम्मान और अभिनंदन  किया गया ।

कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि वाइस प्रिंसिपल ज्योति दायमा,व्याख्याता रणवीर सिंह ,विशिष्ट अतिथि कैलाश सैनी ,मनीष मील, अध्यक्षता प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार दायमा ने की ।

इस अवसर पर छात्र के दादा बनवारी लाल पंवार  ने कहा कि हिमांशु पंवार ने अपने आईआईटी में अच्छी रैंक प्राप्त करके इस क्षेत्र का मान बढ़ाया है। आईआईटीइन बनना अपने आप में गौरव की बात है,उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार जी दायमा ने गायत्री गुरुकुल  के माध्यम से इस क्षेत्र में शिक्षा का जो  बीजारोपण किया था, आज वो गायत्री विद्यापीठ वटवृक्ष बन गया है । विशिष्ट अतिथि  कैलाश सैनी ने कहा कि पहले इस दलित क्षेत्र में एक भी डॉक्टर, इंजीनियर नही हुआ करता था आज इस विद्यालय के  कारण दर्जनों डॉक्टर्स और इंजीनियर्स बनने के साथ साथ सैकड़ों युवा सरकारी सेवा जाकर इस क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे है। इस विद्यालय के माध्यम से समाज सुधार , पर्यावरण , संरक्षण,कुरीति उन्मूलन, नशा मुक्ति अभियान तथा छात्र छात्राओं को कैरियर कोचिंग की शिक्षा भी दी जा रही है ।
गायत्री विद्यापीठ के छात्र  

हिमांशु पंवार ने कहा कि मेरी शिक्षा गायत्री विद्यापीठ में हुई,मेरा एजुकेशन का बेस गायत्री से बना, यहां के संस्कार और यहां का मोटिवेशन मेरी जिंदगी में बदलाव लाया , गायत्री गुरुकुल में संस्कारों की शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा  के लिए भी तैयार कर रहा है जो सराहनीय कार्य है।
अनुसूचित जाति के सामान्य परिवार में  जन्म लेकर मैंने यह मुकाम हासिल किया है इसका श्रेय मेरे माता-पिता सहित गायत्री विद्यापीठ के समस्त टीचर्स  एवं प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार दायमा सहित मेरे सभी गुरुजनों को देता हूं ।
मेहनत और पुरुषार्थ से आदमी आगे बढ़ सकता है ।इस अवसर पर रणवीर सिंह,कैलाश सैनी, व्याख्याता मनीष मील, रतन लाल सैनी, विजय कुमार दायमा, सुनील कुमार सैनी,राजेश चौहान,विद्याधर सांखला,ओमप्रकाश सैनी,बजरंग लाल, पंकज कुमार सैनी, संगीता पायल , सपना सैनी,एकता सैनी ,कंचन सैनी, कोमल जांगिड़,स्नेहा जांगिड़,यास्मीन,महिपाल सैनी, ज्योति दायमा आदि सहित अभिभावक ,विद्यार्थी शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन व्याख्याता विजय कुमार दायमा ने किया।

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