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सन्मुख बालाजी धाम देवगांव स्वर्ण वर्ण र्द्वारपाल की स्थापना हरि ओम इच्छाधारी महाराज की कृपा से हुई aastha news

सन्मुख बालाजी धाम देवगांव  स्वर्ण वर्ण र्द्वारपाल की स्थापना हरि ओम इच्छाधारी महाराज की कृपा से हुई बसावतिया 
फतेहसरी श्री बालाजी धाम देवगांव स्थित सोने की द्वारपाल की मूर्तियों का हुई विधिवत स्थापित विद्वान पंडितों द्वारा विधि विधान से पूर्ण आहुतियां एवं पूजा अर्चना पंडितों द्वारा संस्कृत के शुद्ध श्वलोको द्वारा भगवान द्वारपाल की बालाजी की सिंहासन पर दोनों तरफ सोने और हीरा जड़ित मूर्तियों का स्थापन हुआ द्वारपाल की मूर्तियां बहुत ही सुंदर और आकर्षक थी भाजपा नेता महेश बसावतिया ने बताया मंदिर प्रांगण मे मूर्ति स्थापना मे मुख्य रुप से अंकित अग्रवाल बजावा व उनकी धर्मपत्नी अनीता बजावा ने भाग लिया इस अवसर पर ओम इच्छाधारी महाराज ने अपने वाणी से अम्रत वर्षा की महाराज ने कहा श्री कृष्ण अर्जुन से कहा कि जो पुरुष यज्ञ यानी आत्मा ज्ञान से अज्ञानी है धर्म नहीं जानता उपदेशों का पालन नहीं करता वह बहुत ही जल्द नष्ट हो जाता है अज्ञानी व्यक्ति कभी भी सफल और शांति प्रदान प्राप्त नहीं कर सकता है अज्ञान के कारण ही दुखों में वृद्धि होती रहती है हमेशा ज्ञान को दूर करने के प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान प्राप्त करते रहने से कल्याण हो जाता है पाप नष्ट हो जाता हैं जो व्यक्ति उपदेश देने वाले ज्ञानी लोगों के प्रति हीन भावना रखता है भगवान के प्रति श्रद्धा नहीं रखता वह इंसान बहुत ही जल्दी नष्ट हो जाता है भगवान श्री कृष्ण की गीता के उपदेश में अर्जुन को बताऐ ज्ञान की बातें जो सबके लिए उपयोगी है तीन दुर्गुणों में से एक भी किसी में हो तो उसका विनाश जल्दी हो जाता है जीवन मंत्र सुख और दुख हमारे द्वारा किए गए कर्मों का ही फल है अतः वर्तमान में हमें ऐसे कर्म करना चाहिए जिससे भविष्य में सुख प्राप्त किया जा सके ऐसे कर्मों और भाव से बचना चाहिए जिसमें व्यक्ति नष्ट हो जाता है श्रीमद् भागवत गीता में श्री कृष्ण अर्जुन को तीनों के भविष्य विषय में बताया है जो नष्ट हो जाते हैं उन्हें ना कभी सुख मिलता है और ना कभी शांति मिल पाती है कार्यक्रम में नीरज मारिक सर सुमित मारिक्सर सुनील बाबल रघुवीर शेखावत सुशील देवगांव सरवन नवलगढ़ हरिराम बड़ासरा रतिराम मेहताब घुमानसर आदि मौजूद थे

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