समाजसेवी युवा नेता राजेश कटेवा ने ₹151000 का दिया आर्थिक सहयोग
नवलगढ़/ खिरोड़ 11 नवम्बर कस्बे के निकटवर्ती ग्राम देवीपुरा में स्थित देवनारायण गोशाला सेवा समिति के तत्वावधान में देवनारायण गोशाला में चल रही भागवत कथा का समापन गुरुवार को दाऊ धाम के महंत बलदेवाचार्य महाराज के सानिध्य में हुआ। धनावता धाम के महंत सांवताराम महाराज की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में खिरोड़ निवासी समाजसेवी युवा नेता राजेश कटेवा, देवीपुरा सरपंच रामकरण पूनिया, टोडपुरा सरपंच भंवर सिंह धींवा, सरपंच प्रतिनिधि पूर्ण सिंह, बागोरिया की ढाणी सरपंच राजेंद्र सैनी, पूर्व सरपंच भूदरमल सैनी, सरपंच जगमोहन सिंह, उप सरपंच किशन लाल गुर्जर, भाजपा नेता ख्यालीराम गुर्जर, उप प्रधान ललिता जोया, एसडीओ सुमन सोनल, तहसीलदार महेंद्र सिंह मुंड, डीएफओ राजेंद्र सिंह हुड्डा, शंभू दयाल शर्मा बतौर अतिथि मौजूद थे।
समारोह को संबोधित करते हुए दाऊ धाम के महंत बलदेवा आचार्य महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गाय की सेवा करने से मनुष्य का जीवन सफल एवं सार्थक बन जाता है इसलिए सज्जनों आज यह संकल्प लो कि हर व्यक्ति गाय की सेवा अवश्य करें। भागवत कथा का वाचन कर रहे कथा वाचक चिरंजीवी महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि गाय को घर में रखने से वह घर पवित्र बन जाता है इसलिए सभी को अपने अपने घर में गाय को अवश्य रखना चाहिए और उसकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। धनावता धाम के महंत सांवताराम महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि गाय की पूजा करने से भगवान उसे अपनी पूजा मानकर प्रसन्न होते हैं और गाय की सेवा पूजा करने वाले भक्तों पर प्रसन्न होकर भगवान स्वयं उसकी रक्षा करते हैं। कार्यक्रम के दौरान गौशाला में सहयोग करने वाले दानदाताओं का संतों के सानिध्य में दुपट्टा पहना कर माल्यार्पण कर एवं गौ माता की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम में महंत सांवताराम महाराज के सानिध्य में गोपाष्टमी पर्व भी धूमधाम से मनाया गया इस मौके पर गायों की पूजा अर्चना की गई एवं उन्हें गुड़ चारा दलिया आदि खिलाया गया।
पंडाल गौ माता के जयकारों से गूंज उठा। कार्यक्रम के दौरान समिति की ओर से भंडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील शर्मा एवं राजकुमार शास्त्री ने किया। इस मौके पर मोहनलाल भरगड़ बीरबल राम चनेजा, भंवरलाल दड़कस, मामराज चेची दिनेश चनेजा, हरिराम गुर्जर, रामनिवास कोली, लक्ष्मण राम मणकस, सुभाष चंद्र गुर्जर, शिशुपाल चांदनी, आदि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
0 टिप्पणियाँ