फाल्गुनी मेला भरने को लेकर श्रद्धालु, व्यापारी, भंडारा संचालक से लेकर हर कोई असमंजस में
सीकर खाटूश्यामजी में विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले को अब कुछ ही समय बाकी रह गया है। लेकिन कोरोना काल के चलते अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि इस बार मेला भरेगा या नहीं। मेले के असमंजस के चलते श्याम भक्त, व्यापारी, भंडारा संचालक, होटल व धर्मशाला संचालक आदि की परेशानी भी बढ़ गई है। मेले को लेकर इन सभी की तैयारियां दो माह पहले ही शुरू हो जाती हैं। अब वह समझ नहीं पा रहे है उनको क्या करना हैं।
जनवरी माह में फाल्गुनी लक्खी मेले को लेकर जिला कलक्टर एवं मेला मजिस्ट्रेट प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस, श्री श्याम मंदिर कमेटी और नगरपालिका के साथ चर्चा कर मेले की व्यवस्थाओं को लेकर दिशा निर्देश देते हैं। जिसके बाद सभी व्यवस्थाएं पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं को सुगमता से लखदातार के दर्शन होते है। ऐसे में देश-विदेश में रहने वाले श्याम भक्तों की नजर राजस्थान सरकार की गाइडलाइन पर टिकी हुई
हैं। गत वर्ष दस दिन तक आयोजित हुए फाल्गुनी लक्खी मेले में देश-विदेश से आए करीब तीस लाख श्रद्धालुओं ने श्याम दरबार में हाजिरी लगाई थी। इनमें कई श्रद्धालु तो देश के कई प्रांतो से पैदल श्याम के दर पर पहुंचे थे।
दो माह पहले से शुरू हो जाती है तैयारी : फाल्गुनी लक्खी मेले को लेकर कई धर्मशाला, होटल एवं रेस्टोरेंट में रंगाई-पुताई सहित मरम्मत का कार्य शुरू हो जाता हैं। दुकानदार अपनी दुकानों में मेले के हिसाब से माल का स्टॉक करने लगते हैं तो बाहर के व्यापारी किराए पर दुकान एवं मकान लेने की तलाश में जनवरी से आने लग जाते हैं। श्रद्धालुओं की बात करें तो होटल-धर्मशाला एवं रेल का रिजर्वेशन दो माह पहले से ही करवाना शुरू कर देते हैं।
इनका कहना है : मेलों को संचालित करने को लेकर राज्य सरकार ने अभी ऐसी कोई गाइडलाइन तय नहीं की है। हर महीने सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी होती है। अगले महिने की गाइडलाइन में देखते हैं।
अशोक कुमार रणवां (मेला मजिस्ट्रेट एवं उपखंड अधिकारी दांतारामगढ़)
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