पासबुक एंट्री की जानकारी लेने गए पत्रकार के साथ की अभद्रता
आमजन को हो रही असुविधा की जानकारी को लेने बैंक में गए पत्रकार के साथ में अभद्रता
दांतारामगढ़ (सीकर)। देश की सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कई बैंक ब्रांचों में अनियमितताओं का आलम फैला हुआ है। यहां पर खाताधारकों को मिलने वाली अधिकतर सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है और बैंक कर्मी बैंक उपभोक्ताओं के साथ में आए दिन अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते रहते हैं। यही हाल एसबीआई बैंक की दांता ब्रांच के है यहां पर अधिकतर लोगों के खाते इसी बैंक में है और पिछले कई महीनों से बैंक में पासबुक में स्टेटमेंट एंट्री करने की सुविधाएं ठप पड़ी है। बैंक के बाहर पासबुक प्रिंट की मशीन लगी हुई है लेकिन वह मशीन भी अधिकतर खराब ही मिलती है जब उपभोक्ता बैंक में जाकर पासबुक प्रिंट करने का निवेदन करता है तो उसे मना कर दिया जाता है। पिछले कई महीनों से आ रही इस समस्या को लेकर जब पत्रकार गिरधारी सोनी ने अपने खाते की पासबुक ले जाकर बैंककर्मी से पासबुक एंट्री करने को कहा तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि बैंक में यह सुविधा नहीं है बाहर मशीन लगी है। इसके बाद पत्रकार ने बैंक मैनेजर ओंकारमल सलोरा के पास आकर जानकारी मांगी और कहा कि बैंक में पासबुक प्रिंट की सुविधा बंद क्यों है तो मैनेजर ने कहा कि बाहर मशीन लगी हुई है आप बाहर जाओ जब पत्रकार ने कहा कि बाहर वाली मशीन खराब है इस पर बैंक मैनेजर ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पत्रकार को कहा कि मशीन खराब नहीं है बल्कि पासबुक प्रिंट करने वाला व्यक्ति खराब है। पत्रकार ने बैंक मैनेजर को मीडिया कर्मी होने का परिचय भी दिया कार्ड भी दिखाया लेकिन उसके बावजूद बैंक मैनेजर ने अभद्रता पूर्वक बातचीत करते हुए कहा कि मीडिया से हो तो क्या हुआ आप कौन होते हो मुझसे बात पूछने वाले और गार्ड को बुलाकर बाहर निकालने के लिए कहा। इससे साफ जाहिर होता है कि जब पत्रकार के साथ में बैंक कर्मी इस तरह से व्यवहार करते हैं तो आम ग्राहक के साथ में किस प्रकार से पेश आते होंगे। वही पत्रकार के साथ हुई अभद्रता के बाद क्षेत्र के पत्रकारों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
बैंक में ना पासबुक और ना ही क्यू आर कोड उपलब्ध
एसबीआई बैंक दांता में नई पासबुक लेने के लिए जाने वाले ग्राहकों को पासबुक भी नहीं मिलती है बैंक वालों का कहना होता है कि पास बुक नहीं है वही जब बैंक में पासबुक की एंट्री नहीं की जाती है तो ग्राहक द्वारा पासबुक पर क्यूआर कोड लगाने के लिए कहा जाता है तो बैंक में क्यूआर कोड भी उपलब्ध नहीं हैं। समस्या को लेकर ग्राहकों का कहना है कि बैंक में किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है कई महीनों से पासबुक में एंट्री नहीं होती है जिससे हमें लेन-देन का पता नहीं चल पाता और इनकम टैक्स रिटर्न में बैंक खातिर का लेखा जोखा दिखाने के लिए पासबुक प्रिंट कराने के लिए आते हैं तो कहा जाता है कि ऑनलाइन स्टेटमेंट निकलवा लो या फिर बैंक में स्टेटमेंट के लिए आवेदन करो अब सवाल यह है कि बैंक में कई बुजुर्ग लोगों के खाते भी हैं जो पढ़ना लिखना तक नहीं जानते तो वह लोग ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए किस प्रकार से अपना स्टेटमेंट निकालें। ग्राहकों का कहना है कि हम हमारे खून पसीने की कमाई बैंक में जमा कराते हैं और उसी रकम का लेखा जोखा बैंक कर्मी द्वारा पासबुक पर हमें नहीं दिया जाता है जो सरासर एक मनमर्जी करने वाली बात है। यहां का कोई भी कर्मचारी सीधे मुंह बात नहीं करता है चाहे बुजुर्ग हो और चाहे बीमार किसी के साथ भी शालीनता से पेश नहीं आते हैं। एसबीआई कर्मचारियों की इसी हठधर्मिता के कारण कई खाताधारकों ने अपने खाते तक बंद करवा लिए और निजी बैंकों में अपने खाते खुलवाए हैं।
पहले भी बैंक कर्मी द्वारा ग्राहक के साथ मारपीट का वीडियो हुआ था वायरल
आपको बता दें कि 21 जुलाई 2020 को भी दांता एसबीआई बैंक के बैंक कर्मियों द्वारा ग्राहक रामवतार के साथ मारपीट की गई थी और उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था तो वहीं पीड़ित ग्राहक ने भी बैंक कर्मी के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों द्वारा बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया था और कार्रवाई की मांग भी की गई थी सूचना के बाद मौके पर एसबीआई बैंक के जिलाधकारी भी पहुंचे थे। इतना ही नहीं बैंक कर्मी ने भी ग्राहक के खिलाफ बैंक में तोड़फोड़ करने व गाली-गलौज करने का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। हालांकि इसके बाद कुछ दिन बाद बैंक कर्मी और पीड़ित ग्राहक के बीच समझौता करा दिया गया और मुकदमे वापस लिया गये थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि बैंक कर्मी लगभग सभी ग्राहकों के साथ इसी प्रकार से पेश आते हैं और सही तरीके से कार्य नहीं करते हैं।
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