देलसर श्याम मंदिर में इस बार 11 दिवसीय मेला...
"पारंपारिक खेल होंगे, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, मंदिर को भी सजाएंगे फूलों और रोशनी से"
"करीब सवा सौ साल पुराना है मंदिर, गुरू महाराज चेतराम खाटू से लेकर आए थे ज्योत, जो आज भी प्रज्ज्वलित"
नवलगढ़.
देलसर गांव में स्थित श्याम मंदिर की महिमा भी खाटूधाम से कम नहीं है। यहां पर भी सालभर प्रवासी श्याम भक्तों का तांता लगा रहता है। करीब सवा सौ साल पुराने मंदिर में इस बार फाल्गुन मेला पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस संदर्भ में प्रधान दिनेश सुंडा की पहल पर एसडीएम सुमन सोनल की अध्यक्षता में बुधवार को पंचायत समिति सभागार में तैयारियों को लेकर बैठक हुई। प्रधान सुंडा ने बताया कि देलसर गांव में ना केवल चार पंचायतों तोगड़ा कलां, डूमरा, कुमास तथा जेजूसर की सीमा लगती है। बल्कि यह गांव झुंझुनूं जिला मुख्यालय और नवलगढ़ उपखंड मुख्यालय के बीच का सेंटर है। यहां पर करीब 125 साल पहले महाराज चेतराम खाटूधाम से ज्योत प्रज्ज्वलित करके लाए थे। जो आज भी अखंड ज्योत के रूप में प्रज्ज्वलित है। यहां पर बाबा श्याम घोड़े पर सवार के रूप में प्राण प्रतिष्ठित है। सुंडा ने बताया कि इस धाम की महत्वत्ता और दिव्यता को आज की पीढी के सामने लाने के लिए इस बार फाल्गुन महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस 11 दिवसीय बाबा श्याम फागोत्सव तथा किसान मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। बच्चों के लिए झूले होंगे। तो वहीं महिलाओं के लिए खरीदारी के लिए राजीविका मिशन के तहत महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले प्रोडक्ट उपलब्ध रहेंगे। दिन में पारंपारिक ग्रामीण खेलों की प्रतियोगिता होगी। तो वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। जिसमें धार्मिक और राजस्थानी संस्कृति के रंग जाने—माने कलाकारों द्वारा बिखेरे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस आयोजन को लेकर सीएम सलाहकार नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा से भी मार्गदर्शन प्राप्त किया गया है। ताकि उनके अनुभवों का लाभ भी हमें मिल सके। यह मेला 22 फरवरी से शुरू होगा। जो चार मार्च तक चलेगा। बैठक में विकास अधिकारी राकेश कुमार शर्मा, नायब तहसीलदार भागीरथ यादव आदि भी मंचस्थ रहे।
"युवाओं को लाना है परंपराओं के पास"
इस मौके पर प्रधान दिनेश सुण्डा ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी मोबाइल में डूबती जा रही है। मोबाइल के चक्कर में युवा सांस्कृतिक परम्पराओं से दूर हो रहा है। युवाओं को सांस्कृतिक परम्पराओं से जुड़ाव बनाए रखने के लिए देलसर कलां में फागोत्सव के साथ ही किसान मेले का आयोजन किया जाएगा। दिन में कुश्ती, कबड्डी समेत अन्य ग्रामीण खेलकूद व घोड़ी-ऊंट नृत्य आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। मेले में राजीविका मिशन की महिलाओं के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके अलावा झूलों के साथ ही विभिन्न तरह के साजसज्जा व घरेलू सामान की दुकानें व खाने की स्टॉल, किसानों के लिए खेती बाड़ी में काम आने वाले उपकरणों की दुकानें भी लगाई जाएगी। इस दौरान साधु संतों का समागम कार्यक्रम भी होगा। मेले में सरकार की विभिन्न विभागों की फ्लेगशिप योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उनका लाभ उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी मेला स्थल पर उपलब्ध रहेगी।
"सभी ने मिलजुल काम करने का दिलाया विश्वास"
प्रधान दिनेश सुंडा ने कहा कि देलसर कलां में पहली बार इस तरह का भव्य आयोजन होना हम सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि देलसर कलां पवित्र भूमि है। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर मेले का तो लुत्फ उठाएं ही साथ ही बाबा श्याम के दर्शन कर उनका भक्त आशीर्वाद भी लें। एसडीएम सुमन सोनल ने कहा कि मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम होने से मनोरंजन तो होगा ही साथ ही विभागीय योजनाओं की भी आमजन को जानकारी मिल सकेगी। तोगड़ा कलां सरपंच निशा ने कहा कि हम सभी मिलजुलकर इस आयोजन को भव्य बनाएंगे।
"ये रहे मौजूद, दिए सुझाव"
बैठक में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों ने आयोजन को भव्य बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए। इस मौके पर देलसर कलां श्याम बाबा मंदिर के महाराज रोशन, सीबीईओ अशोक शर्मा, बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय नवलगढ़ के उपनिदेशक
डॉ. राजेश यादव, पुलिस थाना नवलगढ से एसआई कंचन, कुमावास सरपंच रतनलाल, तोगड़ा सरपंच निशा देवी, जेजूसर सरपंच प्रतिनिधि कपिल एचरा, मोरारका फाउंडेशन के कॉर्डिनेटर जगमाल सिंह नेहरा, जयचंद खींचड़, नगरपालिका एसआई ललित शर्मा, जयचन्द खीचड, जेईएन हंसा शर्मा आदि मौजूद रहे।
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