Breaking News

6/recent/ticker-posts

खिरोड़ में राजपूत समाज के लोगों ने किया वाल्मीकि समाज के लोगों का सम्मान...Honoring the people of Valmiki Samaj...

खिरोड़ में राजपूत समाज के लोगों ने किया वाल्मीकि समाज के लोगों का सम्मान...
रिपोर्ट राकेश स्वामी 
खिरोड़ कस्बे के राजपूत समाज ने मंगलवार को वाल्मीकि समाज के लोगों का सम्मान करके न केवल छुआछूत और भेदभाव से ऊपर उठकर कार्य किया है बल्कि उनका सम्मान करके एक अनूठी मिसाल भी पेश की है। राजपूत समाज के लोगों ने वाल्मीकि समाज के लोगों को आदर सत्कार के साथ अपने घर बुलाकर एवं उन्हें भोजन करवाकर सर्व समाज को एक शानदार एवं अच्छा संदेश दिया है। खिरोड़ के राजपूत समाज के लोगों ने स्वर्गीय लादू सिंह शेखावत की पुण्य स्मृति में खिरोड़ कस्बे के वाल्मीकि समाज के लोगों का माल्यार्पण कर एवं साफा पहनाकर सम्मान एवं अभिनंदन किया वहीं वाल्मीकि समाज के लोगों को डीजे के साथ एवं रास्ते में गलीचा बिछा कर व पुष्पावर्षा करके वाल्मीकि समाज के लोगों को राजपूत समाज द्वारा अपने घर लाया गया एवं उनको भोजन करवाकर सोने चांदी के आभूषण एवं नकदी देकर ससम्मान विदाई भी की गई। राजपूत समाज के योगेंद्र सिंह शेखावत ने अपने पिता के बड़े (बाबोसा) की पुण्य स्मृति में वाल्मीकि समाज के सभी लोगों का सम्मान किया एवं उन्हें सम्मान के साथ अपने घर लाकर उनको भोजन करवाया गया एवं उन्हें सोने चांदी के आभूषण एवं नगद रुपए देकर सह सम्मान विदाई की गई। खिरोड़ कस्बे के निवासी योगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राजपूत समाज के मौजीज एवं जाने-माने लोगों में माने जाने वाले लादू सिंह शेखावत का वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ शुरू से ही अच्छा लगाव था। लादू सिंह का वाल्मीकि समाज के साथ लगाव रखना ऊंच-नीच एवं भेदभाव जैसी भावना से अलग हटकर था। लादू सिंह शुरू से ही वाल्मीकि समाज के लोगों को अपने पास बराबर में बैठा कर ही बातचीत किया करते थे । हमने बाबोसा की समाज को अच्छा संदेश दिए जाने वाली मैं तो सारा दिन बिजी हूं बता भावना को देखते हुए ही वाल्मीकि समाज का सम्मान किया है। इस मौके पर खिरोड़ कस्बे के राजपूत समाज के द्वारा किए गए इस प्रशंसनीय कार्य में खिरोड़ कस्बे के साथ-साथ सीकर, तारपुरा, सिंहासन, मोहनवाड़ी, बसावा, झाझड़, चैनगढ़, बारवा, देवीपुरा, लोहार्गल, चिराना, गिरधरपुरा, गोठड़ा, भोजनगर, परसरामपुरा, टोंकछीलरी,नवलगढ़, घोड़ीवारा व जाखल सहित विभिन्न गांवों से आए राजपूत समाज एवं सर्व समाज के लोग मौजूद थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ