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सैनी जाति की उत्पत्ति कैसे हुई? आचार्य राम गोपाल सैनी

सैनी जाति की उत्पत्ति कैसे हुई?कैसे नहीं हुई,इस मामले में माली लोग माथापच्ची न करें।वे केवल माली जाति की बात करें। राम,कृष्ण,महात्मा बुद्ध,चन्द्रगुप्त मौर्य,सम्राट अशोक,शूर सेन,राजा सैनी आदि से माली जाति का कोई संबंध नहीं है।अत:केवल राजस्थान की माली जाति की ही बात करें।राजस्थान में सभी माली हैं,सैनी नहीं।हरियाणा, पंजाब में सैनी हैं।वहां माली नहीं हैं।कुछ माली वे ही हैं जो राजस्थान से गये हुए हैं
     एक बात अवश्य ध्यान में रखें कि आज से 2000साल पहले भारत में जातिप्रथा नहीं थी।उस समय भारत में एक भी जाति नहीं थी।पेशा करने वाले कुंभकार, स्वर्णकार, चर्मकार, मालाकार, सूचिकार,काष्ठकार,लौहकार, रथकार,शिल्पकार आदि सभी थे किन्तु इन नामोंवाली कोई जातियाँ नहीं थीं। संस्कृत भाषा के ग्रंथों में  सैनी तथा माली दोनों ही जातियों का कहीं भी उल्लेख नहीं है।
*आचार्य राम गोपाल सैनी*
    राजस्थान की तंवर राजपूत जाति में से कुछ लोग तंवर माली बन गये थे।इनके पूर्वज दिल्ली का राजा अनंगपाल तोमर,रुणीचा जैसलमेर के राजा जयमल तथा रामदेव,तथा सीकर जिले की तंवरावाटी-तोरावाटी में पाटन के राजा  "तंवर" थे ,पर वे राजपूत तंवर थे। वे तंवर मालियों के पूर्वज थे,किन्तु वे राजपूत तंवर थे।
     पृथ्वीराज चौहान चौहान तथा देवड़ा मालियों का पूर्वज थाकिन्तु     वह स्वयं राजपूत चौहान था।
*आचार्य राम गोपाल सैनी*

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