फतेहपुर शेखावाटी 3 अगस्त वेद विश्व का विशाल एवं प्राचीनतम ग्रंथ है विश्व के प्राणी मात्र को कल्याण के लिए यह ग्रंथ है आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेद का हिंदी रूपांतरण किया है उन्होंने यह भी कहा किवेद की ओर लोटो उक्त बातें हैं चमडिया पीजी संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य आचार्य राम गोपाल शास्त्री अपने निजी निवास पर संस्कृत दिवस की संगोष्ठी में बोल रहे थे आज विश्व संस्कृति दिवस आचार्य राम गोपाल शास्त्री जी की अध्यक्षता में मनाई गई इन्होंने संस्कृत संस्कृति और संस्कार पर विस्तार से प्रकाश डाला आचार्य महाप्रज्ञ अहिंसा प्रशिक्षण पुरस्कार प्राप्त अहिंसा प्रशिक्षक सतीश शांडिल्य ने कहा के भारत अहिंसक संस्कृति संस्कृत और संस्कार प्रधान राष्ट्र रहा है इस राष्ट्र में मैंने तोते जैसे पक्षी भी संस्कृत बोलते थे दुर्भाग्य है की संस्कृत के प्रति रुचि कम जग रही है इसमें जागरूकता की आवश्यकता है समाज और सरकार का ध्यान संस्कृत और संस्कृति पर देना चाहिए इसी अवसर पर सरदार शहर के चंपालाल जी सांवरमल जी सिंगोदिया श्री नंदकिशोर सैनी श्री विनोद कुमार सैनी श्री बाबूलाल जी सैनी आदि उपस्थित थे संस्कृति दिवस बहुत ही अच्छे ढंग से आचार्य राम गोपाल शास्त्री जी के निवास पर मनाया गया
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