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गायत्री नाम को साकार कर रहा है संस्कारों की जन्मभूमि गायत्री विद्यापीठ
नवलगढ़ 16 जुलाई 2022 शिक्षा और सेवा को समर्पित संस्कारों की जन्मभूमि गायत्री विद्यापीठ उच्च माध्यमिक विद्यालय नवलगढ़ के प्रधानाचार्य शिक्षाविद् कृष्ण कुमार दायमा को एसोसियेशन ऑफ अलायंस क्लब्स इंटरनेशनल नवलगढ़ द्वारा स्वतंत्रता सैनानी स्व.श्री मघराज पाटोदिया की श्रद्धांजलि के अवसर शिक्षक सम्मान समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री सलाहकार ,पूर्व चिकित्सा मंत्री विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा के मुख्य आतिथ्य , विशिष्ट अतिथि नवलगढ़ पंचायत समिति प्रधान दिनेश सुंडा,चेयरमैन सोएब खत्री तथा विजय कुमार पाटोदिया की अध्यक्षता में
नवलगढ़ के कमजोर और पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा और संस्कारों के लिए आज प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार दायमा का गरिमामय सम्मान किया गया। प्रधानाचार्य शिक्षाविद् कृष्ण कुमार दायमा को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इससे पहले भी कई सामाजिक संगठनों के द्वारा दायमा को ऐसा सम्मान शिक्षा में नवाचार, संस्कार युक्त शिक्षा व आधुनिक टेक्नोलॉजी , ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। यह सम्मान मिलने पर गायत्री परिवार और अनुसूचित जाति समाज में खुशी का माहौल है। गायत्री परिवार के घनश्याम सैनी , चिरंजी लाल सैनी,हरिनारायण मारोठिया ,बृजलाल मारोठिया, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी दीपचंद पवार, समाज सेवी बाबू लाल तोशावाडा, अखिल भारतीय खटीक समाज के प्रदेश सचिव पिरामल दायमा, हास्य कवि एडवोकेट हरीश हिंदुस्तानी, स्काउट मास्टर रामअवतार सबलानिया, अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच के मंत्री महिपाल छिंनवाल, व्याख्याता कैलाश सैनी, रणवीर सिंह, विजय कुमार दायमा, विनोद दायमा , सांवर मल दायमा,पार्षद राकेश दायमा, सांवर मल असवाल ,रवि दायमा, पार्षद प्रतिनिधि सुनील सामरिया,मनोनित पार्षद कन्हैया लाल चावला ,पूर्व पार्षद विकास सांखला, ने प्रधानाचार्य दायमा को बधाइयां दी।
इस खुशी के उपलक्ष्य में गायत्री विद्यापीठ प्रांगण में शिक्षाविद् रणवीर सिंह के नेतृत्व में गायत्री विद्यापीठ के अभिभावकों,शिक्षकों ,और विद्यार्थियों के द्वारा भी दायमा का सम्मान किया गया। इस अवसर पर शिक्षाविद रणवीर सिंह ने कहा कि गायत्री विद्यापीठ गरीब व पिछड़े छात्रों को न केवल शिक्षा देता है अपितु संस्कारों के साथ-साथ इस गायत्री गुरुकुल में उच्च क्वालिटी की शिक्षा और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है ,व्यवहारिकता की शिक्षा व समाज व राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराया जाता है गायत्री विद्यापीठ के द्वारा छात्र-छात्राओं में वर्कशॉप ,कार्यशाला, प्रदर्शनी ,रैली ,संस्कार गोष्ठी के माध्यम से जीवन जीने की कला के साथ-साथ बच्चों को नशे से दूर रहने की भी शिक्षा दी जाती है।
पिछले कई वर्षों से इस विद्यालय का शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा है । कई विद्यार्थी इस क्षेत्र के टॉपर्स रहे है । इस विद्यालय के सैकड़ों विद्यार्थी डॉक्टर,इंजीनियर्स और बड़े अधिकारी बनकर इस क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
गायत्री विद्यापीठ जिले का एकमात्र ऐसा विद्यालय जिसको संस्कृति ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हो चुका है जिनके यहां व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण ,समाज निर्माण पर जोर दिया जाता है । प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार दायमा को शिक्षा, साधना ,पर्यावरण, संरक्षण, नशा मुक्ति अभियान, कन्या भ्रूण संरक्षण, वृक्षारोपण, ब्लड डोनेशन में भी उल्लेखनीय योगदान के लिए उपखंड प्रशासन के द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है । अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आदर्श शिक्षक सम्मान ,अनुसूचित जाति जनजाति समाज के द्वारा भीम रत्न अवार्ड , लायंस क्लब नवलगढ़ ,अलायंस क्लब , भारत विकास परिषद सम्मान,स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री केशर देव मिंतर स्मृति पुरस्कार भी आपको मिल चुका है। इस विद्यालय के द्वारा आधुनिकतम शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति एवं भारतीय अध्यात्म सभी विद्यार्थियों को जोड़ने का प्रयास किया जाता है निश्चित रूप से इस विद्यालय का पिछड़े क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है, जहां कमजोर एवं पिछड़े विद्यार्थियों की फीस तक समय पर नहीं आती है। लगभग 150 विद्यार्थी आज गायत्री विद्यापीठ में निशुल्क अध्ययन कर रहे हैं जिसके कारण ही आज गायत्री विद्यापीठ को आदर्श गुरुकुल कहा जाता है। इस विद्यालय पर सभी अध्यापकों को और अभिभावकों को गर्व है।
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