प्रतिदिन किए कर्म परमात्मा की नजरों से ओझल नहीं हो सकते बसावतिया
झुंझुनू 22 जुलाई 2022 शुक्रवार भाजपा नेता महेश बसावतिया ने बताया झुंझुनू स्थित शुक्ललो की बगीची मे गुगो जी मंदिर प्रांगण में नारनौल के प्रख्यात संत ने कहाँ कि
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं और इमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं सुलझा हुआ मनुष्य वह है जो अपने निर्णय स्वयं करता है और उन निर्णयौ के परिणाम के लिए किसी दूसरे को दोष नहीं देता एक बीज बिना आवाज किए उगता है लेकिन एक पेड़ भारी शोर के साथ गिरता है लेकिन सृजन शांत है यही है मोन की शक्ति इस अवसर पर शुक्ला परिवार के वयोवृद्ध श्री शंकर जी शुक्ला ने बताया यह जो बगीची है वह उत्तराखंड मानी जाती है जहा शिव शव्यम विराज्मान है यह भुमी तपोभूमि कहलाई जाती थी यहां अनेक संतो ओर साधुओं ने तप किया है मेरे दादा जी धन्शयाम दास जी शव्यम ऐक घरस्थ सन्त थे
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