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राष्ट्रीय शोक के बावजूद पायलट के जन्मदिन पर राज्यव्यापी जश्न raktdan shivir

जयपुर: पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर 8 सितंबर तक पूरे देश में राष्ट्रीय शोक घोषित हो रखा है लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में पूर्व डिप्टी सीएम तथा पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के जन्मदिन पर 7 सितंबर को राज्य भर में जश्न की तैयारियां जोरों पर है कई जगह  केक काटे जाने, मिठाई बांटने के कार्यक्रम रखे जाने से भी परहेज नहीं किया जा रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का 31 अगस्त को निधन हुआ था, तथा केंद्र सरकार ने 8 सितंबर तक देशभर में राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर रखी है प्रदेश सरकार ने भी 8 सितंबर तक राजकीय शोक का ऐलान कर रखा है इस दौरान सभी तरह के सरकारी कार्यक्रम टाल दिए गए हैं, सचिन पायलट के जन्मदिन पर होने वाला जश्न पूरी तरह से निजी है लेकिन प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के पांच दशक तक सशक्त नेता रहे थे इस दौरान वे कई बार केंद्रीय मंत्री रहे और उनकी गिनती कई सरकारों में दूसरे नंबर की रहती थी इसलिए प्रणब मुखर्जी का निधन कांग्रेस की बड़ी क्षति थी इसी के चलते प्रदेश प्रभारी अजय माकन अपना दौरा प्रणव दा के निधन के समाचार मिलते ही स्थगित कर दिल्ली लौट गए थे। इसलिए शोक काल में कांग्रेस के नेताओं को, कार्यकर्ताओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए था लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता और नेता इन बातों को भूल जश्न की तैयारी में लगे हुए हैं।
कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय शोक के समय राज्यव्यापी जश्न की तोहमत से नहीं बच सकती क्योंकि प्रदेश भर में इस जश्न की तैयारी जिला कांग्रेस कार्यालय में बैठकर रची जा रही थी, समाचार पत्रों को बाकायदा बैठक के निर्णय की सूचना दी गई कार्यक्रम का ऐलान किया गया। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने जन्मदिन से संबंधित एक दर्जन पोस्टर  और अन्य सामग्री का खुद विमोचन किया, उनके निवास पर भी प्रदेश भर में जश्न मनाने के लिए बाकायदा कंट्रोल रूम चलाया जा रहा है।
कई पूर्व पदाधिकारी व अन्य नेता मानते हैं कि यह कार्य अनुचित है परंतु भेड़ चाल के चलते वह ना तो ऐसे कार्यक्रम से दूर हो पा रहे हैं ना इस का विरोध कर रहे हैं, वरिष्ठ कांग्रेस जन मान रहे हैं कि प्रणव दा के निधन पर चल रहे राष्ट्रीय शोक में ऐसे आयोजन इस महान नेता का अपमान है परंतु व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के चलते सारी बातें भुला दी गई है वहीं भाजपा के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस में प्रणब दा का जीवित रहते अपमान करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी तो ऐसी पार्टी उनकी मौत पर चल रहे राष्ट्रीय शोक का क्या ध्यान रखेगी

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